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6.1.13

मनचलों से कुछ यूँ निपटीं ये छोरियां

खुद की जिंदगी में कई बदलाव ला दिए.........
जोधपुर:बेटियां। पहली वे जो दूसरे शहरों से जोधपुर आई हैं। दूसरी वे जो जोधपुर की हैं, लेकिन दिल्ली में रह रही हैं। सालों से परिवार से दूर हैं। अकेले रहती हैं। दिल्ली दुष्कर्म की घटना के बाद देशभर में बेटियों के लिए असुरक्षा का माहौल पैदा हुआ है। इन सब के बीच शहर में आई बेटियां हौसले से आगे बढ़ रही हैं। अनहोनी की आशंका भर होने पर हिम्मत से जवाब देती हैं।  दिल्ली में रह रही बेटियां ने डरने और शहर छोड़ने के बजाय खुद की जिंदगी में कई बदलाव ला दिए, ताकि वे और सुरक्षित रह सकें। अब वे न केवल खुद खुश हैं, बल्कि परिवारजनों
को भी आश्वस्त कर रही हैं कि ऐसा कुछ नहीं..दिल्ली दुष्कर्म जैसी घटना के बाद शहर से दिल्ली में कामकाज में लगी बेटियां में असुरक्षा का माहौल जरूर है, लेकिन उन्होंने स्वयं की सुरक्षा के लिए व्यवस्था क र ली है। दिल्ली में कम्यूनिकेशन डिजाइनिंग  का कोर्स कर रहीं फाल्गुनी सेनगुप्ता वहां हुई सामूहिक दुष्कर्म की वारदात के बाद से एकबारगी ही अपने आप को असुरक्षित महसूस करने लगी, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। ऐसी दुविधाग्रस्त मनस्थिति में उसे अपनी मम्मी चंदना सेनगुप्ता से भी हौसला मिला। फोन पर उन्होंने बेटी की न सिर्फ हिम्मत बंधाई बल्कि आवश्यक हिदायतें भी दीं। च्न दैन्यं न पलायनम्ज् का मंत्र देते हुए उन्होंने फाल्गुनी से कहा,  च्घबराना नहीं डटे रहो..।ज्
नजदीक आया तो थप्पड़ मार दिया
 जोधपुर में स्टडी कर रहीं बीकानेर निवासी अनीता चौधरी ने बताया कि वह रोज बैडमिंटन खेलने के लिए जाती हैं। एक दिन लौटते समय मनचले युवक ने पहले तो अपशब्द कहे और बाद में नजदीक आने लगा तो मैंने उसने थप्पड़ मार दिया। वह युवक तो भाग गया, लेकिन मेरा मानना है कि सजा का प्रावधान होनाचाहिए।
गिरेबान पकड़ा तो भागने लगे 
अजमेर निवासी और जोधपुर के अंसल प्लाजा में मार्केटिंग मैनेजर कृति भटनागर ने बताया कि एक बार मॉल जा रही थी तो एक लड़के ने घर से पीछा करना शुरू किया। जब मॉल पहुंचने के बाद देखा तो वह तीन-चार लड़कों के साथ इशारे बाजी किए जा रहा था। मैंने उसका गिरेबान पकड़ा तो उसके साथी भागने लगे, लेकिन सिक्योरिटी गार्ड ने उन्हें पकड़ लिया।
कई बार स्कूटी पंक्चर की जम्मू की कृतिका भट्ट ने बताया कि जम्मू में तो लड़के ग्रुप बनाकर छेड़छाड़ करने के लिए खड़े रहते हैं। जब मैं कोचिंग करने जाती थीं तो कोचिंग सेंटर के बाहर कई बार मेरी स्कूटी पंक्चर मिलती थी। एक दिन मैंने हिम्मत करके उन पांच लड़कों को डांट लगाई। इसके बाद वे दोबारा नजर नहीं आए।उसे पुलिस थाने का रास्ता बतायाजयपुर निवासी चारुल शर्मा ने बताया जब कोटा में प्री-इंजीनियरिंग की तैयारी कर रही थीं तो एक बार एक लड़का पहले तो दूर तक पीछे आया फिर मुझे लिफ्ट देने की बात कहने लगा। फिर उसने हाथ पकड़ने की कोशिश की। तब मैंने उसे पुलिस स्टेशन का रास्ता बताया तो वह भाग गया और कभी नजर नहीं आया।पीछा छुड़ाने के लिए बस बदली जयपुर निवासी और जोधपुर में वोडाफोन कंपनी में सर्विस मैनेजर तनु शर्मा ने बताया कि वह बस से घर जा रही थीं तो बस स्टैंड पर खड़ा एक लड़का मेरे पास वाली सीट पर आकर बैठ गया। उसने लगातार बात करने की कोशिश करने लगा। पहले तो मैंने उसे डांटा, मगर वह नहीं माना। बाद में मैंने दूसरी बस से सफर किया।हिदायत और न घबराने की सलाह
 दिल्ली में आईपी यूनिवर्सिटी के महाराजा अग्रसेन कॉलेज में जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन का कोर्स कर रही अंजलि परिहार हॉस्टल में रहती है। उसका कहना है कि अब तक तो मैं कॉलेज से आने के बाद भी शाम और रात को बाहर घूमने के लिए चली जाती थी लेकिन इस घटना के बाद अब सावचेती बरत रही हूं। मम्मी का फोन आया तो पहले तो उन्होंने सारे हालात और दिल्ली का माहौल पूछा, इसके बाद मेरा रुटीन निर्धारित करते हुए कहा कि कॉलेज से हॉस्टल के अलावा कहीं भी अकेले नहीं जाना। शाम को वॉक न करने, शाम चार बजते ही कमरे पर लौट आने, फोन नंबर किसी से शेयर नहीं करने और सोच समझकर व कम फ्रेंड्स बनाने की सीख दे डाली।

1 comment:

  1. jaibhagwansinghkadyan19/5/14

    आप ने आदमपुर नयुज पोर्टल के नाम से अच्छी साईट बनाई हे इस मे आदमपुर हलके के पार्टी के सभी कार्यकारणीयो के पधाधिकारीयो के विवरण की कमी नजर आती हे जो की होनी जरुरी हे इस के बिना ये पार्टी कार्यक्र्ताओ के लिये बेमायने रह जाती हे ओर वो इस प्रयोग तभी करेगे जब उन की खोज इस से पुरी हो दुसरी गोर करने की बात ये हे की पार्टीयो के हलके मे होने वाले हर कार्यक्र्म चाहे वो शहर मे हो गाव मे हो क्सबे मे हो इस मे अपटुडेट किया जाये ओर पार्टी की गतिविधियो से भी इसे अपटुडेट रखा जाये तबही ये सार्थक होगी ओर हर कार्यकर्ता इस का उपयोग भी करेगा जय भगवान सिह कादियाण

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