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11.4.11

गेहूं का मूल्य 1500 रुपए हो-गोदारा
 मंडी आदमपुर, 11 अप्रैल।विभिन्न मांगों को लेकर आदमपुर इनेलो ने आज तहसील परिसर में धरना दिया और तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान इनेलो नेता रमेश गोदारा ने भ्रष्टाचार को भारत देश के लिए सबसे बड़ी चिंता का कारण बताते हुए कहा कि सरकार को तुरंत भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सख्त कानून बनाना चाहिए। इसके साथ ही किसानों को गेहूं का समर्थन मूल्य कम से कम 1500 रुपए प्रति किवंटल देना चाहिए। प्रदेश में लगे गृहकर को समाप्त किया जाना चाहिए। जमीनों के बढ़े हुए कलैक्टर रेट सरकार को वापिस लेने चाहिए तथा जन सुरक्षा के लिए भी सरकार को गम्भीरता से विचार करके कड़े कदम उठाना चाहिए। इस अवसर पर ब्लॉक समिति के वाईस चैयरमेन मांगेराम सिंगला, यशपाल गोदारा, श्रवण बिश्रोई, भागीरथ नम्बरदार, राजकुमार जांगड़ा, बंशीलाल ऐलावादी,बलराज बैनिवाल, रमेश बेरवाल, रणपतराम नूनियां, अशोक यादव, रामप्रसाद गढ़वाल, सुरजीत ज्याणी, श्यामसुंदर रेवड़ी, सुभाष ज्याणी सहित सैंकड़ों पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित थे।


आर्य दिवस मनाया
मंडी आदमपुर, 11 अप्रैल।राष्ट्रीय आर्य निर्मात्री सभा द्वारा आज आर्य दिवस काफी धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर सुबह 8 बजे से लेकर 10 बजे तक अनाज मंडी में यज्ञ किया गया। उपस्थित आर्यगणों को सम्बोधित करते महेंद्र शास्त्री ने कहा कि आर्य का अर्थ है श्रेष्ठ। जो व्यक्ति सद्गुणों से परिपूर्ण हो और बुद्धि का सही-सही इस्तेमाल करते हुए सत्य व असत्य में अंतर कर पूरी सृष्टि का प्रत्येक दृष्टि से सृजनकर्ता बने वहीं सही अर्थों में आर्य है। उन्होंने कहा कि आज बहुत से लोग अपने पिता के उपनाम आर्य को अपने पीछे लगाने लगते हैं। वास्तव में वे आर्य नहीं है। आर्य वंशवाद से नहीं बल्कि गुणों और बुद्धि के प्रयोग से बना जाता है। इस अवसर पर सत्यनारायण आर्य, गुलशन कुमार, मुनीश ऐलावादी, बंशीधर, विशाल मिश्रा, श्रवण पूनियां, राजेंद्र आर्य, दिनेश गोयल, विनोद कुमार सहित काफी संख्या में आर्यगण उपस्थित थे। इससे पहले सुबह हरिकिशोर शास्त्री के नेतृत्व में राष्ट्रीय आर्य निर्मात्री के युवा सदस्यों ने प्रभात फेरी निकाली और पानीपत में आयोजित धर्मसभा में भाग लेने यहां से रवाना हुए।

आदमपुर में बीज के लिए तरसे धरतीपुत्र
मंडी आदमपुर, 11 अप्रैल।अन्ना हजारे के अनशन के बाद जन लोकपाल विधेयक पर सरकार द्वारा सहमति जताने पर पूरा देश जहां भ्रष्टाचार समाप्त होने के स्वपन संजो रहा है, वहीं धरतीपुत्र बीज के लिए दर-दर की ठोकरे और अपमान को सहन करने को मजबुर हो रहा है। बीटी कॉटन के बीज के लिए किसानों व बीज विक्रेताओं को पिछले काफी समय से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसान जहां बीज के लिए सुबह चार बजे ही लाईन में आकर लग रहे हैं, वहीं बीज विक्रेता कृषि विभाग द्वारा परमीट विभाग के कार्यलय में जारी न करने से नराज है। विस्तृत जानकारी के अनुसार किसानों को बीटी कॉटन के बीज देने के लिए आज सुबह अनाज मंडी में दुकान नम्बर 104 पर परमिट जारी किए जा रहे थे। आदमपुर खंड के किसानों को राशनकार्ड के आधार पर कृषि विभाग के एडीओ परमिट जारी कर रहे थे। इस परमिट पर किसानों को दो डिब्बे राशि 134 बीटी के बीज 825 रुपए की दर दिए जा रहे थे। बीज लेने के लिए करीब 800-900 किसान लाईन में लगे थे। परंतु यहां पर मात्र 150 डिब्बे ही वितरीत किए गए। इसके बाद अनाज मंडी में एक अन्य दुकान पर जय बीआईटी के 39 और राशि 134 बीटी के 80 डिब्बे किसानों को बांटे गए। यहां पर स्टॉक खतम हो जाने पर सैंकड़ों किसानों को निराशा के साथ खाली हाथ वापिस लौटना पड़ा। इसके बाद काफी देर तक किसानों तक कृषि विभाग के कार्यलय पर हंगामा किया। किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार धरतीपुत्रों के साथ अन्याय किया जा रहा है। बीज लेते समय उसे दर-दर की ठोकर खानी पड़ती है। इसके बाद खाद फिर दवाई और बाद में पानी के लिए धक्के खाने पड़ते हैं।
अनेक बार उलझे किसान :
बीज लेने के लिए किसानों में कइ्र बार आपस में टकराव हुआ। इसके चलते चार बार बीज बांटने का काम बीच में रोका गया। किसान लाईन में लगने व अपनी बारी को लेकर बार-बार आपस में ही उलझ रहे थे। किसानों की लाईन इतनी अधिक लम्बी थी कि यहां पर रोड़ पूरी तरह से जाम हो गया।
निराश किसानों ने कोसा सरकार को :
सुबह 4 बजे से लाईन में लगे किसानों को जब बीज नहीं मिला तो उन्होंने सरकार को जमकर कोसा। महलसरा से आए 65 वर्षिय बलवंत सिंह ने कहा कि किसान हितैषी होने का दावा तो प्रत्येक सरकार करती है, परंतु किसानों का दु:ख-दर्द कोई नहीं जानता। इसी प्रकार मोहब्बतपुर से आए औमप्रकाश, सीसवाल के रामनिवास, लाखपूल के पोकरमल, सदलपुर के कृष्णलाल सहित सैंकड़ों किसानों ने सरकार के प्रति अपनी नराजगी प्रकट की।
बीज विक्रेता परेशान :
बीटी का बीज बेचने वाले दुकानदार प्रशासन की कार्यप्रणाली से नराज दिखाई दिए। बीज विक्रेताओं का कहना था कि कृषि विभाग को परमिट उनकी दुकानों में बैठ कर जारी करने की जगह अपने कार्यलय से जारी करने चाहिए। दुकानों के आगे बिना पुलिस प्रशासन के सैंकड़ों किसानों को काबू करना काफी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में यदि कोई घटना हो जाती है तो इसका नुकसान सीधे तोैर पर बीज विक्रेता को ही उठाना पड़ता है। इन बीज विक्रेताओं का कहना है कि वे बीज के डिब्बे कृषि विभाग को देने को तैयार है। विभाग अपने कार्यलय में ही किसानों को बीज बांटे।


संघर्ष की परिभाषा स्पष्ट करें कांग्रेस के नेता : किरमारा
संगठन के स्थापना दिवस पर सम्मेलन 13 को, होगा आंदोलन का ऐलान
मंडी आदमपुर, 11 अप्रैल।हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष दलबीर किरमारा ने कांग्रेस नेताओं से संघर्ष की परिभाषा स्पष्ट करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जब नेताओं पर कोई आपत्ति आती है या उनके स्वार्थ सिद्धी का वक्त होता है तो वे संघर्ष का आह्वान करते हैं वहीं अपनी मांगों व समस्याओं को हल करवाने के लिए जब कर्मचारी वर्ग आंदोलन करता है तो आवाज दबाने के लिए कर्मचारियों पर केस दर्ज करवा दिए जाते हैं। श्री किरमारा कांग्रेस सांसद राव इन्द्रजीत के उस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि दक्षिण हरियाणा को पानी चाहिए तो जनता को संघर्ष करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राव इन्द्रजीत सत्तापक्ष के सांसद है लेकिन इसके बावजूद उन्हें पानी की समस्या दूर करवाने के लिए जनता का आंदोलन के लिए आह्वान करना पड़ रहा है। यही नहीं कांग्रेस के राज्यसभा सांसद बीरेन्द्र सिंह भी कई बार संघर्ष करने का राग अलाप चुके हैं। ऐसे में कांग्रेस नेताओं को स्पष्ट करना चाहिए कि उनके संघर्ष की परिभाषा क्या है। क्या कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा संघर्ष, संघर्ष नहीं होता। जब किसी नेता पर कोई केस दर्ज किया जाता है या जांच शुरू की जाती है तो उसके विरोध में अपने समर्थकों के माध्यम से विरोध प्रदर्शन, धरने व अन्य विरोधी गतिविधियां अपनाते हैं लेकिन जब कर्मचारी वर्ग अपनी मांगों को लेकर संघर्ष करता है तो आवाज दबाने के लिए कर्मचारी नेताओं व कर्मचारियों पर झूठे केस दर्ज करवाकर उनकी आवाज को दबाने का प्रयास किया जाता है। रोडवेज नेता ने कहा कि पानीपत में परिवहन मंत्री के भ्रष्टाचार, विभाग विरोधी व जनविरोधी नीतियों के खिलाफ तथा कच्चे कर्मचारियों को पक्का करवाने सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों पर मंत्री के इशारे पर केस दर्ज करवा दिए गए। उन्होंने कहा कि संगठन के पास मंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के पर्याप्त सबूत है और संघ बार-बार मंत्री के भ्रष्टाचार व अन्य मामलों की जांच की मांग कर रहा है लेकिन सरकार इन पर कोई सुनवाई नहीं कर रही। उन्होंने कहा कि सरकार को एक दिन संगठन की आवाज सुनकर मंत्री के खिलाफ जांच के आदेश देने ही पड़ेंगे, अन्यथा संगठन अदालत की शरण लेने को मजबूर होगा।


मीटर लगाने व खराब मीटर बदलने की शर्तों में संशोधन
मंडी आदमपुर, 11 अप्रैल।हरियाणा बिजली विनियामक आयोग के आदेशानुसार दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ने घरेलू तथा गैर-घरेलू श्रेणी के नये कनैक्शन के मामले में मीटर लगाने या मौजूदा कनैक्शन के खराब मीटर बदलने की शर्तों में संशोधन करने का निर्णय लिया है।दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रवक्ता ने बताया कि अब घरेलू या गैर-घरेलू श्रेणी के 5 किलोवाट लोड तक के कनैक्शन के लिए सिंगल फेज मीटर लगाया जाएगा जबकि 5 किलोवाट से 10 किलोवाट तथा 10 किलोवाट से 20 किलोवाट लोड तक के कनैक्शनों पर क्रमश: सामान्य होल कंरट थ्री फेज मीटर तथा एमडीआई सुविधा सहित थ्री फेज मीटर लगाया जाएगा। इन श्रेणियों में 20 किलोवाट से ज्यादा लोड वाले कनैक्शनों के मामलों में निम्न दबाव होल कंरट (एलटीसीटी) मीटरों को लगाया जाएगा। किन्तु आरा मशीन, बर्फ फैक्टरी, आईसक्रीम इकाईयों, प्लास्टिक आईटम, रबड आईटम, इन्सयूलेटिंग स्लीवस, तेल निष्पादन, इलैक्ट्रोंप्लेटिंग पावर कोटिंग, हीट ट्रीटमेंट तथा नगर परिषदों, जनस्वास्थ्य, सरक ारी अस्पताल और मोबाईल टावर उपभोक्ताओं के कनैक्शनों के लिए लोड अनुसार एलटीसीटी मीटरों को लगाया जाएगा।

उपभोक्ताओं को छूट देगा बिजली निगम
 ग्रामीण औद्योगिक उपभोक्ताओं के अभ्यावेदन को संज्ञान में लेने के बाद दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ने अधिकतम लोड के दौरान बिजली उपयोग के लिए अधिकतम लोड छूट प्रभार (पीएलईसी) की लेवी के मामले की समीक्षा की तथा पीएलईसी से उन उपभोक्ताओं को छूट देने का निर्णय लिया जिनको ग्रामीण कृषि या ग्रामीण घरेलू फीडरों से बिजली आपूर्ति की जा रही है। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रवक्ता ने बताया कि निगम ने यह निर्णय इसलिए लिया है कि कुछ उद्योगों को पहले से ही कम बिजली की आपूर्ति की जा रही है।

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