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2.4.11

आंगनबाड़ी केंद्रों में भारी अनियमितताओं का बोलबाला,
शनिवार को नहीं बनता है किसी भी केंद्र में खाना
मंडी आदमपुर 2 अप्रैल।
जहां एक तरफ सरकार ने महिला एवं बाल विकास विभाग को निरंतर प्रोत्साहन देती रही है वहीं विभाग के अधिकारी अपने कर्तव्यों के प्रति कितने गंभीर है इसका अंदाजा आदमपुर के आंगनबाड़ी केंद्रों की कारगुजारी देखकर लगाया जा सकता है। मंडी आदमपुर में चल रहे इन आंगनबाड़ी केंद्रों में भारी अनियमितताएं देखने को मिल रही है। केंद्रों में अनाज व अन्य चीजों के भारी घोटाले हो रहे हैं। आदमपुर में इस समय सात आंगनबाड़ी केंद्र हैं तथा इतने ही और केंद्र खुलने की संभावना है। लेकिन पहले से चल रहे इन सातों केंद्रों में जहां बच्चों की संख्या 4० से 5० के बीच में दिखाई जाती है। असलियत में अगर इन केंद्रों का निरीक्षण किया जाए तो हर केंद्र पर मात्र 1० से 15 बच्चे बड़ी मुश्किल से मिलते हैं। जब कभी इन केंद्रों की जांच होती है तो इन पर काम करने वाली वर्कर आसपास के बच्चे इकट्ठे कर लेती है और अधिकारी अपनी खानापूर्ति कर चले जाते हैं। यह नहीं है कि आंगनबाड़ी के इन घपलों में अधिकारियों का हाथ नहीं है। विश्वसूनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन आंगनबाड़ी केंद्रों में हो रहे घोटालों का हिस्सा वर्कर से लेकर सी.डी.पी.ओ तक जाता है। वहीं हर शनिवार के दिन इन केंद्रों पर बच्चों के लिए खाना नहीं बनाया जाता है लेकिन रिकॉर्ड में इसे दर्ज कर दिया जाता है। इसके चलते चोर-चोर मौसेरे भाई वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। आंगनबाड़ी केंद्रों में घोटालों की जानकारी जब अक्टूबर माह में मंडी आदमपुर पंचायत को मिली थी तो 22 अक्टूबर 2०1० को सरपंच सुभाष अग्रवाल व पंचायत के अन्य सदस्यों ने एक के बाद एक सातों केंद्रों पर छापामार इन केंद्रों का निरीक्षण किया था। उस समय भी इन केंद्रों पर भारी अनियमितता पाई गई थी। इन केंद्रों में बच्चे ना के बराबर मिले और रिकॉर्ड में भी काफी धांधली पाई गई थी। उस समय सी.डी.पी.ओ शारदा रानी ने सरपंच सुभाष अग्रवाल को इस पर पूरी जांच करवाने की बात कही थी लेकिन ढाक के तीन पात वाली बात ही रही। सी.डी.पी.ओ द्वारा जांच करना तो दूर की बात इन केंद्रों पर उन्होंने जाना भी मुनासिब नहीं समझा। इसके बाद भादू कॉलोनी के निवासियों ने वहां स्थित आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के लिए आई गेहूं को खुर्द-बुर्द करने के मामले का पर्दाफाश किया था। जब इस केंद्र की वर्कर से सुपरवाइजर व अन्य पंचायत के लोगों ने असलियत पूछी तो पता चला कि यह गेहूं दूसरे सैंटर में भेजी जा रही थी। कुल मिलाकर मंडी आदमपुर के आंगनबाड़ी केंद्रों की अगर उच्च स्तरीय विभागीय जांच की जाए तो भारी घोटालों का पर्दाफाश हो सकता है।
संदेह के घेरे में सी.डी.पी.ओ 
आंगनबाड़ी केंद्रों में अनियमितताओं के चलते विभाग की सी.डी.पी.ओ भी संदेह के घेरे में देखी जा रही है क्योंकि जब भी कोई जांच होती है तो सी.डी.पी.ओ पर्दे के पीछे इन केंद्रों पर काम करने वाली इन वर्करों को बचाने का प्रयास करती है। सूत्र बताते हैं कि जब सरपंच ने इन केंद्रों पर छापा मारा तो उस समय भी इन केंद्रों के वर्करों के लिए सी.डी.पी.ओ ही संकटमोचक बनकर सामने आई थी और सरपंच को जांच करने का विश्वास दिलाकर गुमराह किया। अब स्थानीय लोगों ने आर.टी.आई का सहारा लेकर सूचनाएं मांगी है लेकिन सी.डी.पी.ओ आर.टी.आई मांगने पर बाहरी लोगों से समझौते का दबाव डलवा रही है। जबकि सी.डी.पी.ओ ने अपनी रिहायश जवाहर नगर मंडी आदमपुर दिखा रखी है जबकि उन्होंने रेलवे पास बनवा रखा है और हर रोज अपना स्टेशन छोड़कर हिसार जाती है।
जांच चल रही है:पीओ
इस संबंध में जिला परियोजना अधिकारी के मोबाईल नंबर 94666-०3०23 पर जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि इसकी जांच चल रही है तथा इस मामले में जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जब उक्त अधिकारी से उनका नाम पूछना चाहा तो अधिकारी ने अपना नाम बताने से इंकार कर दिया।

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