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17.10.11

कुलदीप बिश्रोई की जीत,अजय चौटाला हार कर भी जीते
कांग्रेस की जमानत जब्त
हिसार, 17 अक्टूबर। हिसार लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव की मतगणना के बाद हजकां-भाजपा गठबंधन प्रत्याशी कुलदीप बिश्रोई 6323 मतों से विजेता घोषित हो गए हैं। इनेलो प्रत्याशी डॉ. अजय सिंह चौटाला ने कुलदीप बिश्रोई को कड़ी टक्कर देते हुए 3 लाख 49 हजार 618 वोट हासिल किए हैं जबकि कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश अपनी जमानत भी नहीं बचा सके। हिसार संसदीय सीट भजन लाल के निधन से खाली हुई थी। भजन लाल ने वर्ष 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में हिसार सीट से इनेलो के संपत सिंह को हराकर सांसद बने थे मगर जून माह में उनके निधन से यह सीट खाली हो गई थी। 13 अक्टूबर हो हुए मतदान में हिसार संसदीय क्षेत्र के लोगों ने बढ़कर भाग लिया था और लगभग 69 प्रतिशत मतदान हुआ था। आज मतों की गिनती सुबह 8 बजे से शुरू हुई। शुरूआति दौर में ही हजकां-भाजपा गठबंधन प्रत्याशी कुलदीप बिश्रोई आगे हो गए थे जो अंत तक आगे ही रहे। इस उपचुनाव में कांग्रेस ने अपनी इज्जत बचाने के लिए पूरा प्रयास किया था। खुद मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कई दिनों तक हिसार संसदीय क्षेत्र में गांव-गांव जाकर लोगों से वोटों की अपील की थी। पूरा मंत्रीमंडल व कांग्रेस के आला नेताओं ने भी कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश को जीताने का प्रयास किया था मगर प्रयास सफल नहीं हुआ और मतगणना के बाद जारी आंकड़ों के अनुसार कुलदीप बिश्रोई ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी इनेलो के अजय सिंह को 6323 मतों के अंतर से हरा दिया। इस तरह से हिसार संसदीय सीट फिर से भजन लाल परिवार के पास चली गई है।कांग्रेस के लिए खतरे की घंटीहिसार उपचुनाव के नतीजों ने केंद्र व प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के लिए खतरा पैदा कर दिया है। यह हार इस मायने में अहम है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और जीत के लिए पूरी सरकार ने जोर लगा रखा था। सबसे बड़ी बात तो यह है कि कांग्रेस प्रत्याशी ने एक भी हलके में बढ़त हासिल नहीं की है। सभी हलकों में कुलदीप व अजय सिंह के बीच टक्कर रही है। यदि देखा जाए तो उचाना कलां राज्यसभा सांसद एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता बीरेंद्र सिंह, उकलाना से कुमारी शैलजा, भिवानीखेड़ा से किरण चौधरी, हिसार शहर से सावित्री एवं नवीन जिंदल, हांसी से विनोद भ्याणा कद्दावर नेता कांग्रेस में शामिल है, इसके बावजूद उनके हलकों में कांगे्रस को करारी मात मिली है जो आने वाले समय में कांग्रेस के लिए बड़ा खतरा है। इस बात में कोई दोराय नहीं है कि इस उपचुनाव का असर आने वाले लोकसभा व विधानसभा चुनाव में होगा। राजनीति के जानकार अभी से कहने लगे हैं कि कांग्रेस के लिए भविष्य अंधकारमय हो गया है। खतरे की बात तो यह है कि इस उपचुनाव में कांग्रेस को वर्ष 2009 की तुलना में 54754 वोट कम मिले हैं। उस चुनाव में जयप्रकाश को 204539 वोट मिले थे। इसके पीछे मुख्यकारण कांग्रेस के गैरजाट मतदाताओं का कुलदीप बिश्रोई के पक्ष में जाना है। वर्ष 2009 के चुनाव में इनेलो के कुछ जाट मतदाता कांग्रेस के पक्ष में चले गए थे मगर इस बार ऐसा नहीं हुआ। इसी कारण कांग्रेस का वोट बैंक कम हुआ है जो किसी भी सूरत में कांग्रेस के लिए अच्छा संकेत नहीं है। यदि जल्द ही कांग्रेस ने अपनी नीतियों में सुधार तथा आपस की गुटबाजी पर काबू नहीं किया तो आने वाला समय कांग्रेस की सेहत के लिए अच्छा नहीं होगा।हारकर भी जीते अजय सिंहहिसार उपचुनाव का परिणाम भले ही इनेलो के खिलाफ हो, मगर इस उपचुनाव में इनेलो की हार के बावजूद जीत बताई जा रही है। वर्ष 2009 के चुनाव में इनेलो की टिकट पर चुनाव लडऩे वाले संपत सिंह को 2,41493 वोट मिले थे जबकि इस बार इनेलो के अजय सिंह को 349618 वोट मिले हैं जो पिछली बार की तुलना में 108125 अधिक है। इससे साफ हो गया है कि इनेलो के वोट बैंक में भारी इजाफा हुआ है। यानि इनेलो ने इस उपचुनाव में हार नहीं बल्कि जीत दर्ज की है। हार इसलिए हुई है कि हजकां का भी वोट बैंक बढ़ा है। 2009 में भजन लाल को हजकां के नाम पर 2,48476 वोट मिले थे जो इस बार बढ़कर 355941 तक पहुंच गए हैं। यानि हजकां के खाते में 107465 वोट बढ़े हैं। यह बढ़ा हुआ वोटबैंक भाजपा का है। यदि कुलदीप बिश्रोई अपने दम पर चुनाव लड़ते तो परिणाम कुछ ओर होता।2009 के लोकसभा चुनाव का ब्यौरावर्ष 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में हिसार संसदीय सीट पर 38 उम्मीदवारों ने अपना भाग्य आजमाया था। उस चुनाव में हजकां की ओर से स्व. भजन लाल तथा इनेलो की ओर से प्रो. संपत सिंह में कड़ा मुकाबला देखने को मिला था। कांग्रेस की टिकट पर जयप्रकाश ने चुनाव लड़ा था जिसमें उनकी भारी मतों से हार हुई थी। 2009 के चुनाव में 11 लाख 92 हजार 630 मतदाताओं में से 8 लाख 28 हजार 461 लोगों ने मतदान किया था। स्व. भजन लाल को 2,48476 तथा संपत सिंह को 2,41493 मत तथा जयप्रकाश को 2,04539 मत मिले थे। इस तरह से भजन लाल ने संपत सिंह को 6983 मतों से हार का सामना करना पड़ा था। चुनाव के कुछ समय बाद संपत सिंह ने इनेलो को अलविदा कर दिया था, जबकि भजन लाल का जून माह में निधन हो गया था। इस उपचुनाव में भजन लाल के स्थान पर उनके पुत्र कुलदीप ने चुनाव लड़ा तो इनेलो की ओर से अजय सिंह मैदान में उतरे थे। कांग्रेस ने एक बार फिर से जेपी पर दांव लगाया था।अंत तक बनी रही बढ़तआज सुबह जब 8 बजे से मतगणना शुरू हुई तो प्रारंभिक चरण में ही हजकां-भाजपा गठबंधन प्रत्याशी कुलदीप बिश्रोई ने बढ़त हासिल कर ली थी। यह बढ़त अंत तक कायम रही। हालांकि बीच-बीच में कुछ उतार-चढ़ाव भी देखने को मिले। एक बार तो कुलदीप बिश्रोई की लीड जब 32 हजार के पार पहुंच गई थी तब अचानक उचाना व उकलाना हलके की गिनती हुई तो कुलदीप की लीड घटकर 18 हजार पर पहुंच गई। यह सुनकर व देखकर कुलदीप समर्थकों के होश उड़ गए क्योंकि उस समय उचाना के 6 तथा उकलाना के 5 राउंड ही हुए थे। ऐसे में यह आशंका बढ़ गई कि उचाना व उकलाना में इनेलो प्रत्याशी अजय सिंह की बढ़त इसी तरह से चलती रही तो चुनाव परिणाम बदल भी सकता है, मगर उसके बाद आदमपुर व हिसार हलके की मतगणना के राउंड पूरे हुए तो फिर से कुलदीप बिश्रोई की लीड कुलांचे भरने लगी और अंत तक बनी रही।चल गया अन्ना का जादूभ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे ने रामलीला मैदान से जो अभियान शुरू किया था उसका असर हिसार उपचुनाव में देखने को मिला है। अन्ना हजारे ने जनलोकपाल बिल पर कांग्रेस की टालमटोल की नीति से खफा होकर हिसार उपचुनाव में कांग्रेस के खिलाफ वोट करने की अपील की थी। अन्ना के मुख्य सिपाही अरविंद केजरीवाल व किरणबेदी ने तीन दिन तक हिसार संसदीय क्षेत्र में घूम-घूम कर कांग्रेस के खिलाफ वोटों की अपील की थी और अन्ना का संदेश जनता तक पहुंचाया था। उसका असर उपचुनाव के नतीजों में दिखाई दिया है। कांग्रेस का वोट बैंक वर्ष 2009 के चुनाव की तुलना में 54754 घट गया है। यह बात अलग है कि हजकां-भाजपा गठबंधन प्रत्याशी कुलदीप बिश्रोई इस बात से इनकार कर रहे हैं कि अन्ना फेक्टर का असर हुआ है मगर खुद कांग्रेसी इस बात को स्वीकार कर रहे हैं।

अजय सिंह ने जनता के फैसले को किया स्वीकार
कहा-कांग्रेसी नेताओं ने खुलेआम कांग्रेस प्रत्याशी की बजाय हजकां प्रत्याशी को वोट डलवाए
जल्द ही करेंगे सभी हलकों का दौरा
चंडीगढ़, 17 अक्टूबर। इनेलो के प्रधान महासचिव व हिसार से पार्टी प्रत्याशी डॉ. अजय चौटाला ने हिसार के चुनावी नतीजे पर प्रतिक्रिया जताते हुए पार्टी के प्रति लोगों द्वारा दिए गए अभूतपूर्व जनसमर्थन को लेकर पार्टी कार्यकत्र्ताओं के साथ-साथ हिसार के मतदाताओं का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी को पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार एक लाख आठ हजार वोट ज्यादा मिले हैं और इस लोकसभा क्षेत्र में पिछली बार मात्र दो विधानसभा सीटें जीतने वाली उनकी पार्टी को इस बार चार क्षेत्रों में अच्छी खासी बढ़त हासिल हुई है। इनेलो प्रत्याशी ने लोगों के फैसले को सम्मानपूर्वक स्वीकार करते हुए कहा कि वे जल्दी ही सभी नौ विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर मतदाताओं व पार्टी कार्यकत्र्ताओं का आभार जताएंगे और लोगों की निरंतर सेवा करना जारी रखेंगे। इनेलो प्रत्याशी ने कहा कि इस चुनाव ने लोगों के समक्ष कांग्रेस-भाजपा-हजकां के नापाक गठबंधन को भी उजागर कर दिया है और यह भी साबित कर दिया है कि कांग्रेसी नेता इनेलो के बढ़ते जनाधार से इतने भयभीत हो चुके हैं कि उन्होंने खुलेआम कांग्रेस प्रत्याशी की बजाय हजकां प्रत्याशी को वोट डलवाए। इनेलो प्रत्याशी ने कहा कि इस लोकसभा क्षेत्र की नौ विधानसभा सीटों में से छह विधानसभा सीटें इस समय कांग्रेस के पास हैं और उन सभी सीटों सहित सभी नौ हलकों में कांग्रेस प्रत्याशी की शर्मनाक हार और उनके तीसरे स्थान पर रहने के साथ ही कांग्रेस की जमानत जब्त होना अपने आप सबकुछ बयान कर रहा है। इनेलो नेता ने कहा कि हिसार की विधायिका व कुुरुक्षेत्र के सांसद के अलावा कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव, हरियाणा सरकार के दो मंत्रियों व एक कांग्रेसी सांसद के साथ-साथ कांग्रेस के इस क्षेत्र से संबंधित सभी विधायकों और पूर्व विधायकों ने खुलेआम हजकां प्रत्याशी को वोट डलवाए और हिसार में इनेलो के खिलाफ चुनाव लड़ रहे कुलदीप बिश्नोई हजकां-भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस के भी अप्रत्यक्ष रूप से प्रत्याशी थे। इसके बावजूद इनेलो ने जबर्दस्त प्रदर्शन कर न सिर्फ अपने मजबूत जनाधार का परिचय दिया बल्कि यह भी साफ हो गया है कि प्रदेश में इनेलो की लोकप्रियता निरंतर बढ़ रही है। इनेलो नेता ने कहा कि वे जनहित के मुद्दों को लेकर अपना संघर्ष निरंतर जारी रखेंगे और ऐसे सभी अवसरवादी लोगों का असली चेहरा सामने लाएंगे जो कांग्रेस में रहते हुए हजकां प्रत्याशी के लिए वोट मांगते और डलवाते देखे गए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कांग्रेस प्रत्याशी को जिताने के लिए 21 दिन तक हिसार में डेरा डाले रहे इसके बावजूद कांग्रेस प्रत्याशी की जमानत जब्त होना यह दर्शाता है कि या तो वे भी चुपचाप कांग्रेस के लिए काम करने की बजाय किसी और के लिए काम कर रहे थे या फिर लोगों में उनके प्रति इतना गुस्सा है कि वे अब अपने पद पर बने रहने का नैतिक व लोकतांत्रिक अधिकार खो चुके हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में चुनावी हार-जीत ज्यादा मायने नहीं रखती बल्कि यह बात मायने रखती है कि लोगों ने किसे कितना प्यार दिया। उन्होंने कहा कि इनेलो अपनी इस परीक्षा में पूरी तरह सफल रही है और आने वाले समय में अवसरवादी ताकतों को निश्चित तौर पर मुंह की खानी पड़ेगी।




कुलदीप की जीत पर आदमपुर में मनी दीवाली
मंडी आदमपुर, 17 अक्टूबर।हजकां-भाजपा प्रत्याशी कुलदीप बिश्नोई द्वारा हिसार लोकसभा उपचुनाव चुनाव में 6 हजार 335 मतों से जीत दर्ज करने पर उनके समर्थकों ने आतिशबाजियां कर खूब गुलाल उड़ाया तथा आदमपुर में दीवाली जैसा माहौल बन गया। कुलदीप बिश्नोई शाम 6 बजे जब अपने काफिले के साथ आदमपुर पहुंचे तो सबसे पहले बाईपास पर बिजली घर के सामने स्व. भजनलाल की समाधि पर पुष्प अर्पित कर उनको नमन किया। उनके साथ पूर्व विधायक जसमा देवी, रेणुका बिश्नोई, पूर्व सांसद रामजीलाल, धर्मपाल मलिक सहित हजारों कार्यकर्ता थे। बाद में कार्यकर्ताओं ने कुलदीप को खुली जीप में बैठाकर विजय जुलूस निकाला तथा बिश्नोई का काफिला बाजारों में से होता हुआ उनकी अनाज मंडी स्थित प्रतिष्ठान पर पहुंचा। बिश्नोई ने सभी कार्यकर्ताओं का हाथ हिलाकर अभिनंदन स्वीकार करते हुए कहा कि यह उनकी नहीं बल्कि हिसार की जनता जीत है। इसके बाद अनाज मंडी स्थित उनके प्रतिष्ठान पर कार्यकर्ताओं ने ढोल-नगाड़ों की थाप पर जमकर नृत्य किया तथा स्व. भजनलाल अमर रहे व कुलदीप जिंदाबाद के नारे लगाए। काफिले का जगह-जगह लड्डू बांटकर स्वागत किया गया। 
जनता व गठबंधन की जीत हुई: कुलदीप बिश्नोई
हजकां सुप्रीमो व गठबंधन के प्रत्याशी कुलदीप बिश्नोई ने आज तमाम अफवाहों को दरकिनार करते हुए स्पष्ट कहा कि यह जीत उनकी नहीं बल्कि जनता व भाजपा-हजकां गठबंधन की जीत है क्योंकि इस पूरे चुनाव में हजकां के साथ-साथ भाजपा नेताओं ने भी पूरे तन-मन से सहयोग किया जिसकी बदौलत वो विजयी हुए। कुलदीप ने इस उपचुनाव में अन्ना फैक्टर का कोई प्रभाव नहीं पड़ा क्योंकि कांग्रेस के खिलाफ तो पहले ही माहौल बन चुका था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी की जमानत जब्त होना जनता कर सीधा इशारा है कि वो अब देश व प्रदेश की सरकार से तंग आ चुकी है। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि वे जनता के फैसले का स्वीकार करें और नैतिकता के आधार पर पद से त्याग पत्र दे। उन्होंने कहा कि इनेलो प्रत्याशी को अब सन्यास ले लेना चाहिए क्योंकि उनके पिता ने उनके दादा स्व. देवीलाल को हराया था तथा अब दूसरी बार अजय सिंह उनसे पराजित हुए है। अगर और भी कसर बाकि है तो आदमपुर में होने वाले उपचुनाव में अपनी किस्मत अजमा ले।  

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